प्रदेश के हजारों अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में प्रधानाचार्य लंबे समय से नहीं हैं। वहां अस्थायी व्यवस्था के तहत वरिष्ठ शिक्षक की तदर्थ नियुक्ति करके कार्य चलाया जा रहा है। प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक पद पर तदर्थ रूप से तैनात 2155 शिक्षकों को अब विनियमितीकरण करने की तैयारी है। वजह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र से संस्था प्रधान का चयन नहीं हो पा रहा है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने इस आशय का प्रस्ताव भेजा है, अब शासन से जल्द आदेश आने का इंतजार है।
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तदर्थ प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक होंगे विनियमित
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