उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द
कर दी हैं। इस साल दसवीं कक्षा के छात्रों को बिना परीक्षा के ही अगली
कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला
मुख्यमंत्री योगी ने लिया है। दरअसल, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण
दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करने के कयास काफी पहले से लगाए जा रहे थे,
लेकिन इस पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री योगी को करना था। उप मुख्यमंत्री
दिनेश शर्मा ने शनिवार को दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने का एलान
किया। वहीं, 12वीं की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी।
इस संबंध में जल्द ही विस्तृत समय सारिणी जारी की जाएगी।
प्रदेश
के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि इंटरमीडिएट की परीक्षा पूर्व की
तरह इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में संपादित की जाएगी। छात्रों के हित में
प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र
डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को प्रश्नपत्र में दिए गए 10 प्रश्नों
में से किन्ही 3 प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी। बच्चों के
मध्य सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस वर्ष केंद्रों की संख्या में
वृद्धि की गई है। कक्षा 10 के बच्चों की कक्षा 11 में प्रोन्नति के विस्तृत
दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को बनाने के निर्देश दिए
गए हैैं।
उप मुख्यमंत्री दिनेश
शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश निरंतर छात्र हित
में कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने गत वर्ष
2020 के जुलाई माह में ही कोरोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे
व्यवधान के दृष्टिगत, पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कमी कर दी थी।
माध्यमिक
शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन पठन-पाठन के
साथ-साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई-विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल तथा
यूट्यूब पर माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञान गंगा चैनल के माध्यम से
बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही 29 लाख से अधिक
व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाए गए तथा पठन-पाठन
की नियमित अनुश्रवण व्यवस्था बनाई गई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश
माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा हेतु इस वर्ष
26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है।
कक्षा 6, 7 व 8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय जारी हो चुका है
उप
मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा
संचालित विद्यालयों में कक्षा 6, 7 व 8 के छात्रों को अगली कक्षा में
प्रोन्नति देने का निर्णय पूर्व में जारी किया जा चुका है। अब यह निर्णय
लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो तो प्रदेश के
समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों की कक्षा 6, 7 व 8 के छात्रों को अगली
कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाए।
कक्षा 9 एवं
11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली
कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक
संपादित नहीं हो पाई है तो वह छात्र के वर्ष भर किए गए आंतरिक मूल्यांकन
के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे। यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन
उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए।
यदि
बोर्ड विशेष का कोई इस संबंध में आदेश होगा तो वह लागू होगा अन्यथा कक्षा
6, 7, 8, 9 एवं 11 की उक्त वर्णित व्यवस्था, प्रदेश के समस्त बोर्ड के
समस्त विद्यालयों पर लागू होगी। आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया
जाएगा।
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