अभी
लगभग 10 हजार मृतक आश्रित विभाग में नौकरी कर रहे हैं लेकिन मृतक आश्रितों
के पद पर पिछले तीन वर्षों से विभाग में नियुक्तियां नहीं हुई हैं। औसतन
300-350 अधिकारी, कर्मचारी या शिक्षकों की हर साल मौत होती है, लेकिन पिछले
तीन वर्षों से कोई नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं पंचायत चुनाव की ड्यूटी में
कोरोना संक्रमित 1621 शिक्षकों की मौत हो चुकी है।
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