पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने अथवा मृत
शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के आश्रितों को न्याय दिलाने के लिए
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ संघर्ष करेगा। महासंघ ने सरकार से मृतक आश्रितों
को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है। महासंघ
ने चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से मृत शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों की
सूची तैयार की है। इसमें 1205 शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों की कोरोना से
मौत का दावा किया गया है।
महासंघ
के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत
चुनाव अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने राज्य
निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार से चुनाव में मतदान कर्मियों का टीकाकरण
कराने, प्रशिक्षण से लेकर मतदान तक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की मांग
की थी। लेकिन सरकार और आयोग ने महासंघ की मांग पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने
कहा कि पंचायत चुनाव में कोविड प्रोटोकॉल का खुलकर उल्लंघन किया गया। इसकी
कीमत शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों ने जान गंवाकर अदा की। प्रदेश संगठन
मंत्री शिवशंकर सिंह ने बताया कि महासंघ ने जिला इकाइयों के जरिये मृतक
शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची तैयार की है। महासंघ इनके आश्रितों को
सरकार से उचित मदद और मुआवजा दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगा।
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