प्रयागराज : कोरोना संक्रमण से हर कोई हलकान है। चिकित्सकों के अलावा अन्य संचार माध्यमों से लोग इस बीमारी व बचाव के संबंध में अवगत हो रहे हैं। अब बच्चे भी जान सकेंगे क्या बला है कोविड-19। बेसिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में आंशिक बदलाव हो रहा है। विशेषज्ञों ने मौजूदा बदलते घटनाक्रमों को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है।
बेसिक
शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को हर साल
निश्शुल्क किताबें मुहैया कराता आ रहा है। समय से साथ पाठ्यक्रम में बदलाव
भी होते रहे हैं। इस बार किताबों का आवरण आदि तो बदल ही रहा है, अन्य भी
आंशिक बदलाव हुए हैं। इनमें कक्षा छह, सात व आठ के विद्यार्थी विज्ञान की
किताब में कोविड-19 के संबंध में जानकारी पा सकेंगे। विशेषज्ञों का कहना है
कि इसमें महामारी का परिचय कराया गया है।
इसी
तरह से योगी सरकार गणित की किताब में वैदिक गणित को समाहित कर रही है।
ज्ञात हो कि इसके पहले हाईस्कूल व इंटर में अलग से पुस्तिका जोड़ने की
तैयारी थी, वह अब तक पूरा नहीं हो सका। इस बार वैदिक गणित के संबंध में
जूनियर विद्यालय के विद्यार्थी पढ़ सकेंगे। असल में, जगदगुरु स्वामी भारती
कृष्ण तीर्थ की पुस्तक है वैदिक गणित।
इसमें
अंकगणितीय गणना की वैकल्पिक व संक्षिप्त विधियां दी गई हैं। उसी के कुछ अंश
पाठ्यक्रम में जोड़े जा रहे हैं ताकि गणित विद्यार्थियों के लिए सरल हो
जाए। इसी तरह कक्षा एक व दो में संस्कृत को भी समाहित किया गया है। साथ ही
अन्य छिटपुट बदलाव भी हो रहे हैं।
गुरुवार को
बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने पाठ्यक्रम में
आंशिक संशोधन पर संबंधित संस्थानों से आनलाइन अनुमोदन पर चर्चा की। इसमें
सचिव परिषद प्रताप सिंह बघेल, राज्य शिक्षा संस्थान, राज्य विज्ञान शिक्षा
संस्थान, आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान आदि के प्राचार्य व अन्य अधिकारी
उपस्थित रहे।
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