69 हजार शिक्षक भर्ती में इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण डिग्री लेने
वाले अभ्यर्थियों को कोर्ट के निर्देश के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी।
अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट ने उनको पद के लिए योग्य मानते हुए
नियुक्ति देने का आदेश दिया है। कोर्ट की ओर से 15 मार्च को जारी आदेश में
कहा गया था कि याची को एक महीने के भीतर ज्वाइन करवाया जाए। कोर्ट के आदेश
के दो महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद विभाग की ओर से नियुक्ति देने
की दशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
सचिव
बेसिक शिक्षा परिषद को भेजे पत्र में इंटरमीडिएट पास प्रशिक्षित
अभ्यर्थियों का कहना है कि 15 मार्च को जारी आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था
कि बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार सहायक अध्यापक की नियुक्ति पात्रता 45
प्रतिशत अंक के साथ 10+2 की डिग्री और प्रशिक्षण है। ऐसे में इंटरमीडिएट के
बाद एनसीटीई से मान्य शिक्षा डिप्लोमा धारक को सहायक अध्यापक भर्ती में
नियुक्त करने से इनकार नहीं कर सकते। हाई कोर्ट ने अमेठी के बीएसए को याची
प्रिया देवी की नियुक्ति देने का आदेश दिया था।
इसी
प्रकार हाईकोर्ट ने 25 मार्च को अपने आदेश में याची सोनी को नियुक्ति देने
का आदेश दिया था। इस बारे में भी बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कोई प्रगति
नहीं हुई। इसी के साथ ही कोर्ट में सैकड़ों केस कोरोना के चलते अटके हैं।
इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थियों के मामले में यदि कोर्ट के फैसले पर बेसिक
शिक्षा विभाग ने नियुक्ति दी होती तो सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी
कोरोना काल में इस कार्यालय से उस कार्यालय तक न भटकते।
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