प्रयागराज : कोरोना महामारी की वजह से एक साल से कक्षाएं बंद
हैं। बावजूद इसके निजी व कान्वेंट स्कूल मनमानी कर रहे हैं। अभिभावकों पर
यूनीफार्म, जूता मोजा भी खरीदने का दबाव बना रहे हैं।
अभिभावकों
ने विवशता में इसे खरीद भी लिया है। वजह यह कि स्कूलों की तरफ से निर्देश
है कि सभी बच्चे जूम एप के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई करें तो उन्हें पूरे स्कूल
ड्रेस में बैठना है। स्कूलों का तर्क है कि अनुशासन बनाए रखने के लिए यह
जरूरी है। दूसरी तरफ महामारी के दौर में तमाम अभिभावक अनावश्यक आर्थिक बोझ
उठा पाने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
स्कूलों की तरफ से तीन महीने की फीस भी एक साथ ली जा रही है।
महामारी
के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। बावजूद इसके हमें अपने बच्चे के लिए
1900 रुपये का यूनिफार्म रखीदना पड़ा, इसमें मोजे भी शामिल थे। जूते अलग
से लेने पड़े। इससे आर्थिक बोझ पड़ा।
- विशाल अग्रहरि, अभिभावक, मीरापुर
अनावश्यक
आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। जब बच्चे घर में हैं तो ड्रेस की अनिवार्यता
नहीं होनी चाहिए। प्रदेश सरकार को चाहिए कि महामारी के दौरान स्कूलों की
फीस माफ की जाए ।
- विजय गुप्ता, अभिभावक एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष
बच्चों
को घर में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान पूरे ड्रेस में बैठना पड़ रहा है।
यूनिफार्म, टाई, बेल्ट, बैज आदि खरीदना हम सब की विवशता है। ऐसा न करने पर
मासिक टेस्ट में नंबर कटने की चेतावनी दी जा रही है।
- - युसुफ अंसारी, अभिभावक, करेली
ऑनलाइन कक्षाओं में यूनिफार्म अनिवार्यता गलत
जिला
विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि किसी भी विद्यालय में
ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान यूनिफार्म अनिवार्य करना गलत है। विद्यार्थी कोई
भी शालीन कपड़ा पहन कर कक्षाएं ले सकते हैं। इस बार शासन ने सिर्फ ट्यूशन
फीस लेने की अनुमति दी है। कोई विद्यालय पुस्तकालय शुल्क, कम्प्यूटर शुल्क,
विद्युत शुल्क व अन्य ऐसा शुल्क नहीं ले सकते जो बच्चों ने प्रयोग न किया
हो। ध्यान रखना होगा कि अनावश्यक बोझ अभिभावकों पर न पड़े।
यूनिफार्म का खर्च 1200-1400 रुपये के बीच
ऑनलाइन
पढ़ाई के लिए कापी-किताब खरीदने के साथ यदि यूनिफार्म की अनिवार्यता खत्म
कर दी जाए तो 1200 से 1400 रुपये तक का बोझ कम हो जाएगा। हालांकि स्कूलों
के अनुसार ड्रेस की कीमतें अलग अलग हैं। इसी तरह प्रत्येक कक्षा और स्कूल
के अनुसार कापी किताब के सेट का मूल्य भी अलग है। कुछ जगहों पर टाई, बेल्ट
और बैज खरीदना भी अनिवार्य है। इसके लिए 150 से 200 रुपये खर्च करने पड़
रहे हैं। कई स्कूलों ने तो बच्चों के लिए स्कूल बैग भी खरीदना अनिवार्य
किया है। उसकी कीमत भी 500 से 700 तक है।
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