कोरोना काल में अपने अभिभावकों को खोने वाले शिक्षाíथयों के लिए
उत्तर प्रदेश राजर्ष िटंडन मुक्त विश्वविद्यालय (मुविवि) ने चिंता की है और
उन्हें बड़ी राहत देने का फैसला किया है। नए सत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों
में प्रवेश लेने वाले ऐसे शिक्षाíथयों को मुफ्त में प्रवेश दिया जाएगा। यह
सुविधा कोरोना से अपने पति को खोने वाली विधवा महिलाओं को भी मिलेगी।
कुलपति
प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि संस्थान में किन्नरों को पूर्व में ही
मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा जेल में बंद कैदियों को शिक्षित
करने का भी विश्वविद्यालय ने जिम्मा उठाया है। अब कोरोना काल में नई
चुनौतियां भी सामने आई हैं। तमाम छात्र-छात्रओं ने अपने माता-पिता को खो
दिया। ऐसे में उनकी पढ़ाई आíथक वजहों से थम जाएगी। इसके अलावा यदि किसी
महिला ने अपने पति को खो दिया है और वह शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बनने का
जज्बा रखती हैं तो मुक्त विवि ऐसे लोगों को मुफ्त में पढ़ाएगा। इस फैसले को
अनौपचारिक तौर पर सहमति मिल गई है। जल्द ही विद्वत परिषद और कार्य परिषद
में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा और सर्वसम्मति से मंजूरी मिलते ही इस व्यवस्था
को लागू कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि यह नई व्यवस्था उत्तर प्रदेश के
सभी जिलों में स्थापित करीब 1200 अध्ययन केंद्रों पर लागू होगी। इसके लिए
सभी अध्ययन केंद्रों को भी निर्देशित करने की तैयारी चल रही है। कुलपति के
अनुसार अब तक किसी भी विश्वविद्यालय ने इस तरह की राहत नहीं दी है। मुक्त
विश्वविद्यालय पहला ऐसा संस्थान है, जिसने इस तरह का कदम उठाया है।
एक दिन का वेतन देंगे शिक्षक-कर्मचारी
कुलपति
प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए विश्वविद्यालय के
शिक्षक और कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
हालांकि, इसके लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाएगा। सभी शिक्षक और कर्मचारी
अपनी मर्जी से वेतन दे सकते हैं। इस मसले पर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया
है।
छात्रों के लिए विश्वविद्यालय में जल्द खुलेगा हेल्थ सेंटर
परिसर
में जल्द ही हेल्थ सेंटर खुलेगा। विवि के शिक्षकों, कर्मचारियों और
अधिकारियों के अलावा छात्रों को यहां बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई
जाएगी। जल्द ही अनुभवी डॉक्टर की नियुक्ति की जाएगी।
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