प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षक
कोरोना महामारी में दिवंगत साथियों के आश्रितों के लिए एक दिन का वेतन फिर
कटवाएंगे। तैयार कोष से उन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, विशेष
शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आश्रितों को समान रूप से आर्थिक मदद
की जाएगी, जिनकी एक अप्रैल से 31 मई के बीच कोरोना महामारी की वजह से मौत
हुई है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने यह फैसला इसलिए लिया है,
क्योंकि सरकार मृतक आश्रितों को आर्थिक मदद नहीं दे रही और उनके परिवार
संकट से जूझ रहे हैं।
संघ
की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों, जिलाध्यक्ष व महामंत्रियों की वचरुअल
बैठक हुई। कहा गया कि कोविड-19 की पहली लहर के समय संघ ने सभी शिक्षक
साथियों से अपील की थी कि वे अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष के
लिए दें। सरकार की अपील पर बेसिक शिक्षकों ने एक दिन का वेतन इकट्ठा किया
और 76 करोड़ रुपये सीएम राहत कोष में दान किया गया था। सरकार ने
कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का भुगतान तक रोक रखा है। नेताओं ने कहा कि
शिक्षकों ने सरकार का निरंतर सहयोग किया लेकिन, सरकार ने महामारी के बीच
उन्हें बंद स्कूलों में बैठने को मजबूर किया और गैर शैक्षणिक कार्यो में
लगाया गया। शिक्षकों को कोविड से बचाव के लिए सामग्री तक नहीं मिली। संघ ने
कहा कि बिना सुरक्षा प्रबंध के पंचायत चुनाव में शिक्षकों को भेजने से
1621 की असमय मौत हो गई है।
बेसिक शिक्षकों ने
पिछले साल सरकार को अपना एक दिन का वेतन दिया। पूरे साल का डीए दिया, लेकिन
सरकार ने कोरोना काल में मृत शिक्षकों की संख्या तीन बताई, जबकि संगठन
सरकार को कोरोना में मृत शिक्षकों की सूची दे चुका था। संगठन ने फिर निर्णय
लिया है कि शिक्षक एक दिन का वेतन दें। लेकिन, अब शिक्षक वेतन नहीं देंगे।
- रसकेन्द्र गौतम, प्रदेश मंत्री बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र
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