लखनऊ। केंद्र की सख्ती के बाद प्रदेश में बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए की कवायद शुरू हो गई है। राज्य पोषण मिशन ने इसके लिए एक विशेष अभियान चलाने का कार्यक्रम तैयार किया है। अभियान में जहां पांच साल से कम उम्र वाले कुपोषित बच्चों पर फोकस किया जाएगा, वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में किचन गार्डनिंग के विकास पर भी जोर दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र ने अलग से राशि उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है।
कार्ययोजना
के मुताबिक इस साल होने वाले कुपोषण माह की प्राथमिकताओं में पांच साल से
कम उम्र के कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन और किचन गार्डनिंग की शुरूआत किया
जाना शामिल होगा। साथ ही इन्हें कुपोषण से बाहर निकालने की योजना तैयार की
जाएगी। इसके अलावा किचन गार्डनिंग पर जोर देकर जगहों को हरा-भरा बनाने व
ऐसे पौधों को रोपने की योजना तैयार की जाएगी, जिससे लोगों को अपनी जरूरतों
के फल और सब्जियां आसानी से मिल सकें। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में
पहले ही प्राथमिक विद्यालयों में किचन गार्डन विकसित करने की व्यवस्था लागू
की गई है। इस संबंध में केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक इस साल भी
पोषण माह का आयोजन किया जाना है, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए पोषण
माह की शुरुआत की तिथि निर्धारित नहीं हो पाई है। सूत्र बताते हैं कि विभाग
योजना बना रहा है कि शिक्षा विभाग की मदद लेकर ऑनलाइन प्रतियोगिताएं
आयोजित की जाए। प्रतियोगिता में 1000 दिनों में पोषण का महत्व, पोषण युक्त
खाना आदि विषयों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा पोषण संबंधी समस्याओं के
चिह्नीकरण और उनके समाधान के लिए डिजिटल पंचायत लगाई जाएगी। अभियान के
दौरान कोरोना की स्थिति को देखते हुए बचाव के तमाम उपायों के बीच जनता की
सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
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