हरदोई : हद है। जान चले जाने के बाद भी लापरवाही पीछा नहीं छोड़ रही
है। मतदान ड्यूटी करने के बाद बीमार हुए दो शिक्षकों की मौत हो गई। अब जब
वह दुनिया में ही नहीं हैं तो फिर मतगणना का प्रशिक्षण कैसे लेते।
प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ एफआइआर का आदेश हुआ तो
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बिना हकीकत जाने दोनों मृतक शिक्षकों के खिलाफ भी
एफआइआर का आदेश दे दिया। डीआइओएस की तरफ एफआइआर के जारी आदेश में दोनों
शिक्षकों का नाम भी शामिल है।
त्रिस्तरीय
पंचायत चुनाव की मतगणना के लिए राजकीय व एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की
ड्यूटी लगाई गई थी। उनका प्रशिक्षण रसखान प्रेक्षागृह में दिया गया।
प्रशिक्षण में शामिल न होने वाले शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और
विभागीय कार्रवाई के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी की ओर से डीआईओएस को जारी
किए गए है, जिसमें 41 शिक्षक शामिल है। जिला विद्यालय निरीक्षक वीके दुबे
के ओर से संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश विद्यालय
प्रधानाचार्य को जारी किए गए, विभागीय जानकारों के अनुसार प्रथम सूची में
शामिल 34 शिक्षकों में राष्ट्रपिता म्युनिस्पल इंटर कालेज शाहाबाद के
शिक्षक अरशद अली शामिल हैं, लेकिन उनकी मौत 23 अप्रैल को हो चुकी है। वह
मतदान ड्यूटी के बाद से बीमार हो गए थे। विद्यालय प्रधानाचार्य की ओर से
इसकी सूचना भी कार्यालय को भेजी गई थी। वहीं द्वितीय सूची में शामिल
ग्रामीण उमावि गौरी कोथावां के शिक्षक योगेंद्र सिंह की भी 28 अप्रैल को
मौत हो चुकी है। वह भी चुनाव ड्यूटी के बाद से बीमार हो गए थे। इसके बावजूद
डीआईओएस की ओर से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए गए
हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक वीके दुबे का कहना है कि संबंधित विद्यालयों
के प्रधानाचार्य को सूची भेजी गई है, अगर वह लिखकर दे देते हैं तो दोनों
अध्यापकों के नाम हटा दिए जाएंगे।
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