लखनऊ: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के मुकाबले मानव संसाधन आधे से भी कम है। इन हालात में सरकार ने कोविड ड्यूटी के लिए कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त मानदेय का फैसला किया है। डाक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मी ही नहीं, बल्कि लैब में कार्यरत कार्मिक और चिकित्सा छात्र-छात्रओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट बाई सकरुलेशन स्वीकृति दे दी गई।
कोरोना
संक्रमण की दूसरी लहर से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चिकित्सा
शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में
लगभग 2155 डाक्टर, 3090 स्टाफ नर्स, 1540 वार्ड ब्वॉय और 1540 सफाईकर्मियों
की आवश्यकता है, जबकि इससे कम मानव संसाधन ही उपलब्ध है। यही नहीं,
कार्यरत सभी कर्मचारी भी विभिन्न कारणों से उपलब्ध नहीं हो पाते। ऐसे में
सरकार ने कार्यरत डाक्टर और कर्मचारियों को अतिरिक्त मानदेय देने का फैसला
किया है, ताकि अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध हो सके। पिछले दिनों
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना योद्धाओं के सेवाभाव की सराहना करते
हुए अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था का निर्देश दिया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री
सुरेश खन्ना ने बताया कि कोविड अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों, नर्सों,
पैरामेडिकल स्टाफ और सफाईकर्मियों (नियमित अथवा आउटसोर्सिंग) को वर्तमान
में दिए जा रहे मूल वेतन और नियत मानदेय पर 25 फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन
धनराशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा एमबीबीएस इन्टर्न को 500 रुपये,
एमएससी नर्सिंग छात्र-छात्रओं को 400 रुपये, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्रओं
को 300 रुपये, एमबीबीएस अंतिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्रओं को 300 रुपये
प्रतिदिन दैनिक मानदेय पर तैनात किया जाएगा। वहीं, सैंपल की जांच के लिए
लैब और उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले मालिक्यूलर
माइक्रोबायोलाजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री आपरेटर, लैब अटेंडेंट को
इनके मूल वेतन या मानदेय की राशि पर दस फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी
जाएगी।
डाक्टर, नर्स व सफाई कर्मियों को 25 फीसद अतिरिक्त वेतन, इंटर्न विद्यार्थियों और लैब कर्मियों के लिए भी अतिरिक्त मानदेय
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