प्रयागराज : प्रदेश में मृत शिक्षकों के आश्रितों को भले ही अब
तृतीय श्रेणी (लिपिक) के पद पर नियुक्ति देने का ऐलान किया गया है, लेकिन,
पहले से कार्यरत आश्रितों को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में तैनात किया
जा चुका है। इसमें उन्हीं को मौका दिया गया है, जो उच्च शिक्षित हैं और
कंप्यूटर की जानकारी रखते हैं। अब शासनादेश जारी होने के बाद उन्हें पद
सृजित करके नियमित किए जाने की तैयारी है।
बेसिक
शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का
सेवा के दौरान निधन होने पर आश्रितों को नियुक्तियां मिली हैं। ज्यादातर
आश्रित उच्च शिक्षित होकर भी चतुर्थ श्रेणी के रूप में नियुक्त हुए। वजह,
15 फरवरी 2013 का शासनादेश है। आश्रितों को योग्यता के अनुसार नियुक्ति
देने के लिए नौ सितंबर 2019 को बेसिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव रेणुका
कुमार की अगुवाई में बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि आश्रितों को लिपिक के
पद पर नियुक्ति दिया जाना चाहिए। इस पर परिषद के अलावा, वित्त व कार्मिक
आदि विभाग प्रस्ताव आदि तैयार करते रहे। उसी बीच 16 सितंबर 2019 को ही
निदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी बीएसए को बीईओ कार्यालय संचालन का आदेश जारी
किया।
इसमें
कहा गया कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में लिपिक का पद सृजित नहीं है।
ब्लाक संसाधन केंद्रों पर तैनात सह समन्वयकों से यह काम कराया जा रहा है
इससे शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। ऐसे में मृतक आश्रित सेवा घ के
कर्मियों को इन कार्यालयों से संबद्ध किया जाए। हर कार्यालय में तीन
कर्मियों के चयन के लिए शैक्षिक व प्रशिक्षण योग्यता कंप्यूटर योग्यता व
आयु 40 वर्ष के आसपास होने का मानक रखा गया। बीईओ प्रस्ताव बनाकर बीएसए को
भेजें और बीएसए उसमें फेरबदल कर सकते हैं। यदि किसी ब्लाक में तीन कर्मचारी
उपलब्ध न हों तो पड़ोसी ब्लाक से ऐसे कर्मियों को संबद्ध किया जा सकता है।
इस आदेश के बाद बीईओ कार्यालयों में करीब दो हजार से अधिक आश्रितों को
संबद्ध किया गया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने 10 सितंबर 2020
को जारी आदेश में संबद्ध कर्मचारियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिलाया है।
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