केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के लिए बिना परीक्षा लिए 12वीं का परिणाम जारी करना बड़ी चुनौती है। बोर्ड ने इसके लिए एक कमेटी भी बनाई है, जो 17 जून को मूल्यांकन के लिए अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी। कमेटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 12वीं का परिणाम जारी करने से पहले 15 फीसद अंकों के लिए एक और आंतरिक मूल्यांकन हो सकता है ताकि जो छात्र किसी कारणवश 12वीं की प्री-बोर्ड या मध्यावधि परीक्षाओं में बेहतर नहीं कर पाए हैं पर बोर्ड परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर रहे थे, उनको इसका लाभ मिल सके। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस मूल्यांकन का आधार क्या होगा?
सीबीएसई ने 12वीं के रिजल्ट जारी करने का तैयार किया मूल्यांकन का फार्मूला
मूल्यांकन में 12वीं के 50 फीसद अंकों को शामिल करने के पक्ष में मजबूत तर्क
मूल्यांकन
में 12वीं के 50 फीसद अंकों को शामिल करने के पक्ष में मजबूत तर्क है।
चूंकि 12वीं की साल भर की पढ़ाई के आधार पर ही बोर्ड की परीक्षा होती है,
इसलिए इसके अंक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इन 50 फीसद अंकों में 35 फीसद
अंक प्री-बोर्ड, मध्यावधि परीक्षा, आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा
के हो सकते हैं।
बोर्ड को भेजे जाएंगे प्रायोगिक परीक्षा के अंक
कोरोना
महामारी के चलते कई स्कूलों ने प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं कराई थीं। ऐसे
में उन्हें आनलाइन ही प्रायोगिक परीक्षा करा कर अंक 28 जून तक अपलोड करने
को कहा गया है। इन अंकों को बोर्ड को भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक 12वीं
के परिणाम में प्रायोगिक परीक्षा के अंक बहुत महत्वपूर्ण होंगे।
सभी राज्यों का देखा जाएगा औसत
सूत्रों
के मुताबिक, कमेटी की कोशिश है कि सीबीएसई का परिणाम सभी मापदंडों पर खरा
हो और छात्र भी इससे संतुष्ट हों। साथ ही, राज्यों के परिणाम में ज्यादा
अंतर नहीं रहे। इसके लिए परिणाम जारी करने से पहले सभी राज्यों का औसत देखा
जाएगा।
मूल्यांकन का फार्मूला :
-10वीं के 30 फीसद अंक
- 11वीं के 20 फीसद अंक
- 12वीं के 50 फीसद अंक।
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