हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नई पेंशन स्कीम लागू होने से पूर्व सहायता
प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में नियुक्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पुरानी
पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। न्यायालय ने
राज्य सरकार को यह कार्रवाई चार माह में पूरी करने को कहा है। इस आदेश का
लाभ वर्ष 2006 में राज्य सरकार की अनुदान सूची में शामिल किए गए 1000
जूनियर हाईस्कूल के तकरीबन पांच हजार शिक्षकों व कर्मचारियों को होगा।
यह
निर्णय न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने यूपी सीनियर बेसिक शिक्षा संघ
की याचिका समेत 66 याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करते हुए पारित किया। याचियों
का कहना था कि 28 मार्च 2005 के आदेश को जारी करते हुए, राज्य सरकार ने
पुरानी पेंशन स्कीम पर रोक लगा दी। उक्त आदेश को 1 अप्रैल 2005 से प्रभावी
कर दिया गया। 1 अप्रैल 2005 को नई पेंशन स्कीम लागू कर दी गई।
याचियों
की ओर से दलील दी गई कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पूर्व ही उनकी
नियुक्ति की जा चुकी थी । 2006 में अनुदानित होने पर सभी शिक्षक व
कर्मचारियों की सेवा नियुक्ति तिथि से मानते हुए वेतन निर्धारित करते वेतन
भुगतान किया गया। चूंकि नियुक्ति 2005 के पूर्व की है व सरकार ने 2005 के
पूर्व की सेवा मानते हुए वेतन निर्धारण भी किया है। ऐसे में उन्हें पुराने
स्कीम का लाभ मिलना चाहिए।
सेवानिवृत्त शिक्षकों
को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत भुगतान होः याचिका का राज्य सरकार के
अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि याचियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ न
देने के फैसले में कोई विधिक त्रुटि नहीं है। न्यायालय ने दोनों पक्षों की
बहस सुनने के पश्चात अपने फैसले में कहा कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से
पूर्व याचियों की नियुक्ति हो चुकी थी, लिहाजा उन पर नई स्कीम का प्रभाव
नहीं पड़ेगा। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि याचियों वयाची संघ के सभी
सदस्यों को पुराने पेंशन स्कीम का ही लाभ दिया जाए और सेवानिवृत्त शिक्षकों
व गैर-शिक्षकों को पुराने पेंशन स्कीम के तहत भुगतान किया जाए।
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