लखनऊ। बेसिक शिक्षा के विद्यालयों को खोलने का आदेश होने के बाद अब
माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों को भी एक जुलाई से बुलाने की तैयारी हो रही
है। माना जा रहा है कि शिक्षकों के विद्यालय नहीं बुलाए जाने से छात्रों के
दाखिले समेत कई कार्य अटके हुए हैं।
माध्यमिक
विद्यालयों के कार्यालय पहले से ही खुले हैं, लेकिन अभी तक शिक्षकों को
विद्यालय जाने की अनुमति नहीं है। वे घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं,
लेकिन शिक्षकों के विद्यालय न जाने से काफी कार्य अटक गए हैं। छात्रों के
दाखिले काफी प्रभावित हुए हैं। खासकर कक्षा छह से आठ तक
शिक्षकों
ने बताया कि छात्रों का पंजीकरण न होने से जूनियर वर्ग के छात्रों को
ऑनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। महज 20 से 25 प्रतिशत छात्र ही ऑनलाइन
पढ़ाई से जुड़ पाए हैं। शिक्षकों के अनुसार कक्षा नौ के छात्रों के दाखिले
भी काफी प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा छह से
आठ तक के छात्रों के अभिभावकों M को मध्याहन भोजन की परिवर्तन लागत की राशि
का भुगतान व खाद्यान्न वितरण भी किया जाना है। यह कार्य भी प्रभावित हो
रहा है। वहीं, इस वर्ग के छात्रों को परिषद की निशुल्क किताबें वितरित कराई
जाएगी। यह सारे कार्य तभी पूर्ण हो पाएंगे जब शिक्षकों का विद्यालयों में
जाना शुरू हो जाएगा। शिक्षकों ने बताया कि बेसिक विभाग की तरफ से आदेश आने
के बाद यह संभावना प्रवल हो गई है कि एक जुलाई से माध्यमिक विद्यालयों में
शिक्षकों के जाने का आदेश हो जाएगा।
अभी चुनिंदा शिक्षकों को बुलाया जा रहा
माध्यमिक
शिक्षा में कुछ खास कामों के लिए आदेश न होने के बाद भी चुनिंदा शिक्षकों
को बुलाया जा रहा है। हाईस्कूल व इंटर के छात्रों का अंक अपलोड करने के लिए
शिक्षकों को बुलाया गया था। वहीं, यूडायस पोर्टल पर भी फीडिंग के लिए
शिक्षकों को बुलाया गया था। वहीं, हाईस्कूल व इंटर के छात्रों के नाम की
वर्तनी में सुधार के लिए भी चुनिंदा शिक्षकों को बुलाया जा रहा है।
शिक्षकों ने बताया कि यह सब एकेडमिक कार्य से संबंधित है, जो बिना उनके
विद्यालय जाए पूरा नहीं हो सकता। शिक्षकों ने बताया कि अब कक्षा नौ और 11
के छात्रों का पंजीकरण कार्य भी शुरू हो जाएगा। इससे पहले उनका दाखिला करना
अनिवार्य है, ऐसे में अब उनको विद्यालय बुलाए जाने का फरमान जारी हो सकता
है।
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