प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण का रास्ता साफ कर दिया है । 15 जुलाई तक तबादले किए जा सकेंगे। तबादले यथासंभव ऑनलाइन मेरिट बेस्ड किए जाएंगे। तबादले की प्रक्रिया वही होगी जो 2018 में जारी तबादला नीति में तय की गई थी।
बताते
चलें प्रदेश सरकार ने स्थानान्तरण सत्र 2020-21 में कोविड-19 महामारी की
वजह से स्थानांतरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। लेकिन पूरे सत्र तबादले
नहीं किए जा सके थे। तभी से सरकारी कार्मिक तबादला नीति का इंतजार कर रहे
थे। आम कार्मिकों की दिक्कत ये भी थी कि जिनकी पहुंच और पकड़ थी, उनके
ताबदले प्रशासनिक आधार पर हो जा रहे थे। नियुक्ति विभाग ने वर्ष भर गुपचुप
तबादले किए। यहां तक कि तबादला आदेश पब्लिक डोमेन में जारी करने बंद कर दिए
गए।
दूसरी ओर जो पारिवारिक
समस्या, बीमारी या अन्य वाजिब कारण से तबादला चाहते थे, उनका तबादला नहीं
हो पा रहा था। विभागों के स्तर पर समस्याओं का सामना कर रहे कार्मिकों के
तबादलों की अर्जियां बढ़ती जा रही थी। स्थानान्तरण सत्र 2021-22 के लिए
सामान्य स्थानान्तरण अवधि 31 मई, 2021 भी बीत गई थी, लेकिन सरकार ने तबादला
नीति पर निर्णय नहीं किया था। दूसरा, चुनावी वर्ष की वजह से भी तबादलों पर
लगी रोक हटाने का दबाव था। ‘अमर उजाला’ ने कार्मिकों की इस समस्या को
प्रमुखता से उठाया था। मंगलवार को शासन ने तबादले पर रोक हटाते हुए नीति के
अनुसार स्थानान्तरण का आदेश जारी कर दिया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार
तिवारी ने शासन के समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को इस
संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिया है।
इस तरह होंगे तबादले
- समूह क व ख के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में कुल तीन वर्ष पूरा कर चुके हैं, उन्हें संबंधित जिलों से ट्रांसफर होंगे।
- समूह क व ख के जिन अधिकारियों ने मंडल में सात वर्ष पूरा कर लिया है, को उन मंडलों के बाहर स्थानान्तरित होंगे।
-
समूह क के अधिकारियों को उनके गृह मंडल तथा समूह ख के अधिकारियों को उनके
गृह जिले में तैनात नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रतिबंध केवल जिला स्तरीय
विभागों व कार्यालयों में ही लागू होगा।
विभाग के कुल कर्मियों का 20 प्रतिशत ही तबादला
2018
की नीति के अनुसार विभागों में स्थानान्तरित अधिकारियों व कर्मचारियों की
संख्या विभाग के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या के 20 प्रतिशत
तक सीमित रखी जाएगी। इस सीमा से अधिक स्थानान्तरण की जरूरत पर समूह क व ख
के लिए मुख्यमंत्री और समूह ग व घ के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति लेनी
होगी।
समूह ‘ग’ के पटल परिवर्तन की विशेष व्यवस्था
समूह ‘ग’ के जिन कार्मिकों ने एक पटल पर तीन वर्ष पूरा कर लिया है, उनके पटल बदल दिए जाएंगे।
सबसे
ज्यादा संख्या में कर्मी इसी श्रेणी में आते हैं। लंबे-लंबे समय से एक ही
क्षेत्र या पटल पर जमे कर्मी इस व्यवस्था से हट जाएंगे।
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