लखनऊ : अब प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा इस परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी। यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र अब आजीवन वैध होगा। केंद्र सरकार की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र की वैधता आजीवन किए जाने के बाद इसी तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री
की मंजूरी मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस बारे में
शासनादेश जारी कर दिया है। यह आदेश 11 फरवरी, 2011 के बाद अब तक आयोजित
हुईं सभी उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर लागू
होगा। अभी तक यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र की वैधता अवधि पांच वर्ष थी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह टीम-9 के साथ बैठक में यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र
को आजीवन वैध करने का निर्देश दिया था।
निश्शुल्क
एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा एक से
आठ तक में शिक्षक नियुक्त होने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य
शैक्षिक अर्हता है। प्रदेश में यूपीटीईटी के आयोजन के लिए 11 फरवरी, 2011
को शासनादेश जारी हुआ था।
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