प्रयागराज:- अहर्ता के विवाद में एलटी ग्रेड हिंदी के चयनित अभ्यर्थी
चयन के एक साल बाद भी नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा
आयोग (यूपीपीएससी) ने इन चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख का सत्यापन भी करा
दिया, लेकिन उनको नियुक्ति की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को नहीं
भेजी।sarkari result info
एलटी
ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए मार्च 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था
हिंदी विषय में सहायक अध्यापक के 1433 पदों पर भर्ती होनी थी अभ्यर्थियों
के लिए अर्हता थी कि इंटर में संस्कृत, बीए में हिंदी के साथ बीएड की
डिग्री भी हो।
तमाम अभ्यर्थियों के पास इंटर
में संस्कृत विषय नहीं था ऐसे अभ्यर्थियों ने एकल विषय संस्कृत से यूपी
बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा दे दी। यहीं तमाम अभ्यर्थियों के पास बीए
में हिंदी एवं संस्कृत विषय थे और सीएड की डिग्री थे, लेकिन इंटर में
संस्कृत विषय नहीं था इन अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की तो
कोर्ट के आदेश पर चार से 14 जून तक पोर्टल खोलकर अभ्यर्थियों को आवेदन के
लिए अतिरिक्त समय
दिया गया। उधर, आवेदन की अंतिम
तिथि के बाद 29 अप्रैल 2018 को यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी कर
दिया था, जिसमें एकल विषय संस्कृत में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने भी दिए गए
अतिरिक्त समय में आवेदन कर दिए। मे आयोग ने 29 सितंबर 2020 की हिंदी विषय
का रिजल्ट जारी किया, जिसमें 310 ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया।
आयोग
ने नवंबर 2020 में इन चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन भी करा
दिया, लेकिन इनमें से किसी को भी अब तक नियुक्ति नहीं मिली है। चयनात
अभ्यर्थी पवन राव, मंजू, दीपा सिंह, अनुराग बेदी, नागेंद्र प्रसाद, विनोद
का कहना है कि अगर आयोग ने आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया था तो नियुक्ति
क्यों नहीं दी जा रही है।
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