प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए अब राज्य की चुनाव
मशीनरी पर काम का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। मगर समुचित स्टाफ न होने की
वजह से कामकाज समुचित रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी
कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 75 जिलों में से
45 जिलों में सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी के पद खाली हैं। अभी तक यह काम
वरिष्ठ सहायक या प्रधान सहायक ही देखते रहे हैं।
अब
विधानसभा चुनाव करवाने के लिए इन खाली पदों पर दूसरे विभागों से इंजीनियर व
अन्य प्रशासनिक अधिकारी उधार पर लिए जाएंगे। उधार पर लिए इन अफसरों की
ड्यूटी चुनाव कार्यालय में लगाये जाने से चुनाव के कई संवेदनशील मामलों की
गोपनीयता भी खतरे में पड़ने की आशंका है। हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी
कार्यालय के अधीन संचालित जिला निर्वाचन कार्यालयों में तैनात प्रधान सहायक
को प्रोन्नत करके सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी बनाया जा सकता है। मगर
केन्द्रीय चुनाव आयोग और राज्य सरकार की नियमावली 2014 के निर्देशों की
अनदेखी करते हुए नियमावली बनाई गई। जिसके तहत जिला निर्वाचन कार्यालय में
प्रधान सहायक के पद पर पांच का कार्यकाल पूरा करने वाले को सहायक जिला
निर्वाचन अधिकारी बनाया जा सकेगा, विभाग में ऐसे करीब 45 प्रधान सहायक
प्रोन्नति पाने के इंतजार में हैं। पहले वरिष्ठ सहायक को प्रोन्नत करते हुए
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी बना दिया जाता था।sarkari result .com
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