गोंडा। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों व दूसरे के नाम पर नौकरी की और चार करोड़ से अधिक का वेतन भी हड़प लिये। जांच में खुलासा होने के बाद 56 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
अब
तक चार करोड़ से अधिक का वेतन इन शिक्षकों ने हड़प लिए हैं अभी तक विभाग
इनसे वेतन की वसूली नही कर सका है। शिक्षक पद से बर्खास्त किये जा चुके
लोगों की पहचान न होने से वसूली होने में दिक्कत बताई जा रही है।
फर्जीवाड़े
को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग इस समय सुर्खियों में है। जिले में वर्ष 2015
से अब तक करीब 56 शिक्षकों के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चार शिक्षक
वर्ष 1998 से ही सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे थे।
इनमें दिनेश
कुुमार शर्मा, सुरेंद्र प्रसाद, नर्वदाचंद्र और कृष्णचंद्र 20 साल में
करोड़ों रुपये वेतन ले चुके हैं। इसी तरह वर्ष 2010 में भी राम लल्लन ने
फर्जी अभिलेख के सहारे शिक्षक की नौकरी हथिया ली। अन्य शिक्षक ऐसे हैं जो
विभिन्न शिक्षक भर्तियों वर्ष 2015 से अब तक नौकरी में आए और वेतन लिया।
इन
सभी के अभिलेखों का सत्यापन हुआ तो गड़बड़ी सामने आ गई और बेसिक शिक्षा
अधिकारी के निर्देश पर शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इनके
मामलों की जांच पुलिस कर रही है लेकिन अभी गिरफ्तारी एक दो मामलों में ही
हो सकी है। सही व्यक्ति की पहचान न हो पाने से विभाग ने भी इनसे वेतन की
रिकवरी कर पा रहा है।
वर्ष 1998 में बेसिक शिक्षा में एक सहायक
अध्यापक दूसरे के अभिलेेख पर नौकरी हथियाई और प्रोन्नति का लाभ लेकर
प्रधानाध्यापक तक बन गया। इसमें दिनेश कुुमार शर्मा, नर्वदा चंद्र, कृष्ण
चंद्र, सहायक अध्यापक सुरेंद्र प्रसाद शामिल रहे और 20 सालों तक विभाग में
नौकरी की।
इसी तरह राम लल्लन वर्ष 2010 से तो पूजा कुमारी वर्ष
2016 से लंबे समय से नौकरी में रहीं। इनसे अभी कोई रिकवरी नही हो पाई।
इसमें दिनेश चंद्र के मामले में एक की गिरफ्तारी हुई है, इसके अलावा अभी तक
गिरफ्तारी नही हो सकी है। इससे वसूली में भी दिक्कत हो रही है। जिले में
बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने का सिलसिला कई सालों से
जारी रहा।
खुलासा होने पर बीएसए ने सेवा से तो बर्खास्त कर दिया
लेकिन पुलिस के शिकंजे में कोई नहीं आ सका है। इसमें शिक्षक दिनेश कुमार
शर्मा के साथ ही श्रीराम यादव, राधेश्याम, अर्चना पांडे, राजू कुमार, उमा
पटेल, राम विलास, चंद्रवीर सिंह, श्रीधर, चन्द्रकांत, दीपक वर्मा, चंदन
यादव, संदीप कुमार वर्मा, सुबोध कुमार, मनोज कुमार, आशीष कुमार, सुक्रांत
यादव, राघवेंद्र वर्मा, देवेश चंद्र वर्मा, शिव कुमार शर्मा, वैभव यादव,
जितेंद्र साहू, रमेश कुमार यादव, अरविंद कुमार पाठक, राम लल्लन, चित्रवीर
सिंह, वेदप्रकाश के विरुद्ध खंड शिक्षा अधिकारियों की तरफ से मुकदमा भी
दर्ज कराया गया है।
अभी तक एक ही व्यक्ति की गिरफ्तारी हो सकी
है। इसके अलावा शिक्षक नर्वादा चंद्र, सुनील सिंह, कृष्ण चंद, पूजा कुमारी,
सुरेंद्र प्रसाद, सुशीला प्रजापति, निर्दोष कुमार यादव, राधेश्याम, उमेश
कुमार दूबे, सीमा यादव, चित्रवीर सिंह, रीतू यादव, रुपारानी आदि से वसूली
होनी है।
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