मीरजापुर : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 42 हजार 758 बच्चों के
खातों का डाटा बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विकसित साफ्टवेयर ने रिजेक्ट कर
दिया है। इसके चलते इनके खाते में ड्रेस, बैग, स्वेटर व जूता-मोजा खरीदने
के लिए 11 सौ रुपये की धनराशि नहीं पहुंची। कारण तीन महीने से इन खातों में
ट्रांजक्शन नहीं हुआ था अथवा इनके अभिभावकों का बैंक खाता उनके आधार कार्ड
से लिक नहीं था। राहत की बात है कि ऐसे बच्चों के अभिभावकों को एक बार फिर
आधार कार्ड से बैंक खाता लिक कराने का मौका दिया जा रहा है। समय रहते आधार
कार्ड बैंक खाते से लिक करा लेते हैं तो योजना का लाभ मिल सकेगा।
बेसिक
शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ने वाले
बच्चों को सरकार दो जोड़ी ड्रेस, एक स्वेटर, एक जूता, दो जोड़ी मोजा व एक बैग
प्रदान कर रही है। अभी तक धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी
जाती थी, जिससे थोक में पूरा सामान खरीदकर बच्चों को वितरित करते थे। इस
वर्ष से सरकार सीधे बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि भेज रही
है। जिले के 1806 परिषदीय स्कूलों में 298312 बच्चे अध्ययनरत हैं।
अभिभावकों के बैंक खाते में धन भेजने के लिए डीबीटी एप पर फीडिग करते हुए
लगभग 216451 बच्चों के अभिभावकों के खातों का वैरिफिकेशन कराया गया था।
इसमें से 142616 खातों में धनराशि भेजी गई है, जबकि 42758 खातों को
पीएफएमएस ने रिजेक्ट कर दिया। विभाग फिर से ऐसे बच्चों को चिह्नित कर रहा
है, जिससे उनका आधार कार्ड लिक कराया जा सके।
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