विश्व बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक जैमे सावेद्रा का कहना है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने का अब कोई औचित्य नहीं है। भले ही नई लहरें आएं, स्कूलों को बंद करना अंतिम उपाय ही होना चाहिए।
सावेद्रा
की टीम शिक्षा क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव पर नजर रख रही है। उन्होंने
कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि स्कूलों को फिर से खोलने से कोरोना
वायरस के मामलों में वृद्धि हुई है। स्कूल सुरक्षित स्थान नहीं हैं, इसके
भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। वाशिंगटन से एक न्यूज एजेंसी को दिए गए
साक्षात्कार में सावेद्रा ने कहा, ‘रेस्तरां, बार और शॉपिंग मॉल को खुला
रखने और स्कूलों को बंद रखने का कोई मतलब नहीं है। कोई बहाना नहीं हो सकता।
’
विश्व बैंक के विभिन्न अध्ययन के अनुसार, अगर स्कूल खोले जाते हैं तो
बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम कम होता है और बंद होने की लागत बहुत अधिक
होती है।
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