परिषदीय विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा में पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए शिक्षकों ने निकाला तरीका
बिल्हौर
तहसील क्षेत्र के ककवन, बिल्हौर, शिवराजपुर व चौबेपुर विकास खंड के लगभग
740 प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में इन दिनों वार्षिक परीक्षाएं हो रही
है। कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूलों के बंद रहने से दूर-दराज गांवों के
विद्यालयों में विधिवत पढ़ाई नहीं हो सकी थी, इससे बच्चों की परीक्षा की
तैयारी नहीं हो सकी है। परीक्षा में कोई बच्चा फैल न हो, इसके लिए कई
विद्यालयों में शिक्षक खुद परीक्षार्थियों की कापियां लिख रहे हैं।
कहीं-कहीं तो सपुस्तकीय परीक्षा कराने की जानकारी मिली है।
प्राथमिक,
जूनियर और संविलयन परिषदीय विद्यालयों में वार्षिक परीक्षाएं दो वर्ष बाद
हो रही हैं। वर्ष 2020 व 21 में बच्चों को प्रोन्नत कर अगली कक्षाओं में
प्रवेश दिया दिया गया था। इस कारण कक्षा 4,5,6,7 और 8 वीं कक्षा के बच्चों
की पढ़ाई बेहद कमजोर है। शिवराजपुर के एक स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि
सर्व
शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा में यदि कोई बच्चा फेल होगा तो अतिरिक्त
कक्षाएं लगाकर उसकी अतिरिक्त देखरेख करनी होगी। अधिकारी भी फेल होने वाले
छात्रों की मानीटरिंग करेंगे। इस तरह की लंबी प्रक्रिया को देखते हुए कई
शिक्षकों ने फेल छात्रों को दोबारा पढ़ाने के बजाय पहले ही ऐसी व्यवस्थाएं
कर दी हैं, जिससे प्रत्येक बच्चा पास हो जाएगा, जो बच्चे लिख नहीं पाते
उनकी कापियां या तो होशियार बच्चे लिख रहे हैं या फिर खुद शिक्षक।
उधर, इस संबंध में बिल्हौरखंड शिक्षाधिकारी रवी कुमार ने बताया कि वार्षिक
परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कई शिक्षकों की टीम लगाई गई हैं, जो
नियमित रिपोर्ट देती है। अभिभावक भी बच्चों की मॉनिटरिंग करें, किसी भी तरह
की समस्या आने पर शिक्षकों को अवगत कराए शिक्षण संबंधी समस्या का तुरंत
समाधान कराया जायेगा।
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