मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों व अफसरों से कहा है कि सभी
विभागों को 100 दिन के बाद जनता के सामने अपने काम का ब्योरा देना होगा।
जनहित की योजनाओं के लिए धनराशि की कमी नहीं है, लेकिन वित्तीय संतुलन
जरूरी है। उन्होंने सभी को मितव्ययिता पर ध्यान देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कृषि सेक्टर से जुड़े विभागों की ओर से प्रस्तावित कई नई
योजनाओं व कार्यक्रमों पर आगे बढ़ने को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने प्रदेश
की आवश्यकता के अनुसार खाद्य तेलों व दलहन उत्पादन की कार्ययोजना तैयार
करने का निर्देश दिया है।
बुधवार
को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल के समक्ष
कृषि सेक्टर से जुड़े सात विभागों ने भावी कार्ययोजना की प्रस्तुतिकरण हुआ।
इसी बैठक में मुख्यमंत्री ने ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक
विभाग को रोजगार सृजन के अवसरों पर फ ोकस रखना होगा और जो योजना शुरू की
जाए उसे समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार
किसानों की आय में गुणात्मक वृद्धि के लिए संकल्पित है।
आगले
5 वर्ष में ऐसा परिवेश तैयार किया जाए जहां पर्यावरण संवेदनशील कृषि
व्यवस्था हो। खाद्यान्न एवं पोषण की सुरक्षा हो। उन्होंने प्रदेश की बढ़ती
आबादी के लिए खाद्य तेलों व दलहन की उपलब्धता बढ़ाने पर खास जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी खाद्य तेलों की जरूरत के सापेक्ष केवल 30-35 फ
ीसदी तथा दलहन का उत्पादन 40-45 फ ीसदी हो रहा है। इसे मांग के अनुरूप
उत्पादन तक लाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि तिलहन और
दलहन उत्पादन को बढ़ाना ही होगा। लघु एवं सीमांत किसानों की भूमिका इसमें
अहम होगी।
हर कृषि विज्ञान केंद्र को बनाएं सेंटर ऑफ एक्सीलेंसमुख्यमंत्री ने
कहा है कि हर कृषि विज्ञान केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में
विकसित किया जाए। केवीके में इंफ्र ास्ट्रक्चर पर्याप्त हैं। हर सेंटर में
एक प्रोसेसिंग यूनिट जरूर हो। इससे किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि
आधुनिक कृषि तकनीक एवं पारंपरिक कृषि विज्ञान का अपेक्षित उपयोग किया जाना
चाहिए। कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान को कृषकोन्मुखी और जवाबदेह बनाने की
जरूरत है। उन्होंने नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने के लिए ठोस प्रयास के
निर्देश दिए। कहा, कि बाढ़ बचाव से संबंधी कार्य 15 जून से पहले पूरे कर
लिए जाएं। पुराने तटबंधों की मरम्मत समय से कर ली जाए। योगी ने फ सल बीमा
योजना के सर्वेक्षण प्रणाली को सरल बनाने का निर्देश दिया।
35 जिलों में प्राकृतिक खेती
मुख्यमंत्री
ने गंगा नदी के किनारे 35 जिलों में प्राकृतिक खेती की परियोजना को
प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया। कहा कि विकास खंड स्तर पर 500-1000
हेक्टेयर क्षेत्रफ ल के क्लस्टर का गठन हो। हर क्लस्टर में एक चैंपियन फ
ार्मर, एक सीनियर लोकल रिसोर्स पर्सन, 2 लोकल रिसोर्स पर्सन व 10 कम्युनिटी
रिसोर्स पर्सन का चयन किया जाए।
पीएम किसान में 31 तक केवाईसी के निर्देश
पीएम
किसान योजना में नाम मिस मैच होने की समस्या का भर संज्ञान लिया गया। योगी
ने अभियान चला कर डेटा सुधार और 31 मई तक कृषकों की ई-केवाईसी पूरी करने
के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन अपात्रों ने योजना का लाभ लिया है,
उनसे वसूली भी की जाए।
हर जिले से निर्यात वाली उपज होंगी चिह्नित, बनेंगी नई मंडियां
मुख्यमंत्री ने हर जिले में निर्यात की जा सकने वाली उपज का चिन्हीकरण करने
का निर्देश दिया। कहा कि यह योजना ओडीओपी की तर्ज पर लागू की जा सकती है।
उन्होंने एक्सप्रेस-वे पर जमीन चिन्हित कर नई मंडियों की स्थापना कराने तथा
पीपीपी मॉडल पर मंडियों में प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने की नीति
तैयार करने का निर्देश दिया।
14 दिन में किसानों को करेंगे गन्ना मूल्य का भुगतानमुख्यमंत्री ने
कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान 14 दिनों के भीतर करने के लिए हम
संकल्पबद्ध हैं। इसके लिए सभी जरूरी प्रयास के निर्देश दिए। उन्होंने अगले
100 दिनों में 8,000 करोड़ व छह महीने में 12,000 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान
का लक्ष्य दिया।
उन्होंने बिलासपुर रामपुर,
सेमीखेड़ा बरेली और पूरनपुर पीलीभीत की सहकारी चीनी मिल का आधुनिकीकरण को
भी हरी झंडी दी। उन्होंने कहा कि नानौता साथा और सुल्तानपुर चीनी मिल का
सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना
सर्वेक्षण नीति जारी करने और डिजिटल सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने अगले 5 वर्ष में गन्ने की उत्पादकता वर्तमान के 81.5 हेक्टेयर से
बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य लेकर कार्यवाही का निर्देश
दिया।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को 100 दिन में अनुदान
सीएम
ने उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अंतर्गत स्वीकृत
इकाइयों को 100 दिन के भीतर अनुदान अंतरण की कार्यवाही करने का निर्देश
दिया। उन्होंने कौशांबी व चंदौली में इजरायल तकनीक पर आधारित सेंटर ऑफ
एक्सीलेंस फ ॉर फ्रूट एंड वेजिटेबल की स्थापना का काम शुरू करने को कहा है।
100 दिनों में बनाएं गो-अभयारण्य
मुख्यमंत्री
ने छुट्टा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए अगले 100 दिनों में
गो-अभ्यारण्य की स्थापना का निर्देश दिया। कहा, गोवंश संरक्षण के साथ
केंद्र को स्वावलंबी बनाया जाए। उन्होंने 100 दिन में 50,000 निराश्रित
गोवंश को पंचायती राज व नगर विकास से समन्वय कर दिलाने तथा छह माह में 1
लाख निराश्रित गोवंश के लिए व्यवस्थित आश्रय स्थल तैयार कराने का निर्देश
दिया।
काशी में सिल्क एक्सचेंज मार्केटिंग बोर्ड का केंद्र खोलने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने रेशम विभाग द्वारा कीटपालन गृह, उपकरण और अन्य सहायता
उपलब्ध कराते हुए किसानों की आय में बढ़ोतरी के प्रयास के निर्देश दिए।
उन्होंने कहाकि काशी में सिल्क एक्सचेंज मार्केटिंग बोर्ड का तकनीकी एवं
विक्रय केंद्र खोला जाए। सिल्क एक्सचेंज से अधिकाधिक बुनकरों को जोड़ा जाए।
उन्होंने 5 वर्ष में रेशम धागे के उत्पादन को वर्तमान के 350 मीट्रिक टन
से बढाकर तीन गुना करने का लक्ष्य दिया। कहा, बुनकरों, धागाकरण इकाइयों और
सिल्क एक्सचेंज को डिजिटाइज कर एक प्लेटफ ार्म से जोड़ा जाए।
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