प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानाध्यापक भर्ती परिणाम पर रोक
लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है। यह आदेश
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने पवन त्रिवेदी व छह अन्य की याचिका पर सुनवाई करते
हुए दिया है।
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शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में
प्रधानाध्यापकों को भर्ती के लिए वर्ष 2013 में 599 पदों के लिए विज्ञापन
निकाला था। आठ वर्षों तक साक्षात्कार प्रक्रिया रुकी हुई थी। बोर्ड ने हाल
ही में भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी की थी। मामले में अशासकीय
सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में संविदा पर तैनात प्रधानध्यापको ने
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए भर्ती विज्ञापन को रद्द करने की मांग
की और कहा कि नई नियुक्तियों को रोकते हुए उन्हें ही कॉलेजों में
प्रधानाध्यापकों के पदों पर तैनात किया जाए। वे प्रधानाध्यापक पद पर लंबे
समय से काम कर रहे हैं। उनकी सेवा को समायोजित किया जाए। कुल 15 याचिकाएं
दाखिल की गई हैं। प्रतिवादी के अधिवक्ता रमेश कुमार के मुताबिक कोर्ट
अलग-अलग तिथियों पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने मोहन सिंह को याचिका पर
पहले से ही भर्ती परीक्षा परिणाम की घोषणा पर रोक लगा रखी है। मंगलवार को
इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अब कोर्ट 18 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
इसके अलावा इसी मामले में चंद्रवीर की ओर से दाखलि पाचिका पर 21 अप्रैल की
तिथि लगाई गई है।
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