बिजनौर। भले ही सरकार गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए करोड़ों रुपया खर्च कर रही है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। जी हां निजी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को भी सरकारी पाठशाला में पंजीकृत कर लिया गया है। अपने ही स्कूल का राज शिक्षिकाओं ने खोल दिया। उन्होंने प्रधानाध्यापिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिक्षिकाओं ने डीएम उमेश मिश्रा और बीएसए जयकरन यादव से शिकायत कर जांच की मांग की है।
प्राथमिक
विद्यालय हीमपुर प्रथम की सहायक शिक्षिका मोहिनी देशवाल, शिक्षामित्र
सोनिका और प्रिया वर्मा ने डीएम को शिकायती पत्र दिया। जिसमें कहा गया कि
उनके स्कूल की मुख्य अध्यापिका मिड डे मील रजिस्ट्रर में उपस्थिति बढ़ाकर
सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही हैं। विद्यालय में फर्जी नामांकन करते हुए
सरकार को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। इनमें कई बच्चें निजी स्कूलों
में पढ़ रहे हैं। कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
हुई। आरोप है कि शिकायत करने पर उनका मानसिक उत्पीड़न और अभद्र व्यवहार
किया जा रहा है। बीएसए जयकरन यादव ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी, खंड
शिक्षा अधिकारी स्कूल में पहुंचकर जांच करेंगे।
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