प्रयागराज संस्कृत विद्यालयों में शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए शासन ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती विद्यालय प्रबंधतंत्र से हटाकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से कराई जाएगी।
इसके
लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव
भेजने के बाद अब शासन को रिमाइंडर भेजा है। अभी तक संस्कृत विद्यालयों में
शिक्षकों की भर्ती विद्यालय प्रबंधन के स्तर से होती रही है। इसमें
ज्यादातर विद्यालयों के प्रबंधतंत्र का झुकाव चहेतों की भर्ती को लेकर होता
था। ऐसे में प्रबंधतंत्र के दखल को खत्म करने के लिए शासन संस्कृत
विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों की भर्ती माध्यमिक
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से कराने का शासनादेश जारी कर चुका है। चूंकि चयन
बोर्ड की नियमावली में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए
सहायक अध्यापक, प्रवक्ता एवं प्रधानाचार्य पदों पर चयन की व्यवस्था है, ऐसे
में संस्कृत विद्यालयों में भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन जरूरी है।
इसके लिए चयन बोर्ड ने शासन की मंशा के अनुरूप नियमावली में संशोधन का
प्रस्ताव शासन को पहले भेजा था, लेकिन उस पर अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है।
इधर, मुख्यमंत्री का जोर 100 दिन की विभागों की कार्ययोजना में रिक्त पदों
को भरने पर भी है। ऐसे में चयन बोर्ड ने नियमावली में संशोधन के लिए शासन
को अब रिमाइंडर भेजा है। उप शिक्षा निदेशक (संस्कृत) सीएल चौरसिया ने बताया
कि चयन बोर्ड से भर्ती होने पर योग्य शिक्षकों का चयन होगा, जिससे
विद्यालयों में शैक्षिक स्तर और सुधरेगा। मामले पर माध्यमिक शिक्षा सेवा
चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर का कहना है कि संस्कृत विद्यालयों में सहायक
अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों की भर्ती परीक्षा के लिए नियमावली में संशोधन
को रिमाइंडर भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी
जाएगी।
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