लखनऊ। समूह ग व घ के तबादलों में मुख्यमंत्री के अनुमोदन की
अनिवार्यता खत्म करने करने के शासन के फैसले का कर्मचारी संगठनों ने
मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ संगठनों का मानना है कि इससे अब
विभिन्न विभागों में लंबित गड़बड़ तबादले आसानी से दुरुस्त या निरस्त किए
जा सकेंगे। वहीं, कुछ का कहना है कि इस समय शासन के इस आदेश का कोई मतलब
नहीं है।
राज्य
कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र का कहना है कि स्वास्थ्य
विभाग में अभी समूह ग के करीब सौ तबादले ऐसे हैं जो नियम विरुद्ध हुए थे।
उन्हें अब निरस्त या दुरुस्त कराने में आसानी होगी। पीडब्ल्यूडी और शिक्षा
विभाग में भी कोई गड़बड़ तबादला होगा तो वह भी आसानी से दुरुस्त हो सकेगा।
यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफीसर्स एसोसिएशन केप्रांतीय महामंत्री राजेश
चंद्र श्रीवास्तव ने अब बेसिक शिक्षा मंत्री व विभागाध्यक्ष से गलत तबादलों
में संशोधन अपने स्तर पर करने की मांग की है।
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